डॉ. सचिन तिवारी इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Department of English) से जुड़े रहे हैं, इलाहाबाद विश्वविद्यालयमें रंगमंच के एक सक्रिय अकादमिक तथा नाट्य-प्रवर्तक (theatre practitioner) के रूप में पहचाने जाते थे।
कैंपस थिएटर के निर्देशक/प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में डॉ. सचिन तिवारी का काम विश्वविद्यालय के अंतर्गत छात्रएं और कलाकारों में नाट्य-परिदृश्य को लगातार सशक्त करने का रहा। छात्र-रंगकर्मियों का प्रशिक्षण, नाट्य-निर्माण की प्रक्रियाएँ तथा मंच-निर्माण/लाइटिंग/ध्वनि जैसी व्यावहारिक बातें कैंपस थिएटर की गतिविधियों का हिस्सा रहीं। आपने न केवल निर्देशन किया बल्कि शैक्षिक-रूप से रंगमंच को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम, कार्यशालाएँ और शोध गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास भी किया। जिसके लिए रंगमंच एवं फ़िल्म प्रभाग के स्थापना और संचालन में वे एक नियोजक के रूप में जुड़े रहे, जिससे फिल्म और थिएटर पर शोध जैसी योजनाएँ विश्वविद्यालय में आ सकीं। आप सक्रिय मेंटॉर और ईमानदार मार्गदर्शक रहे हैं।
आपने विश्वविद्यालय के Theatre and Film Centre के काम में फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया पूना और सट्याजित रे फ़िल्म टेलीविजन इंस्टीट्यूट कोलकाता जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के एक्सपर्ट्स के साथ तालमेल कर आपने अपने कैंपस-थिएटर कार्य को श्रेष्ठ पेशेवर संस्थानों से जोड़ने की कोशिश की ताकि छात्रों को व्यावसायिक मानकों का प्रशिक्षण मिल सके। आप भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ में पाश्चात्य रंगमंच के अतिथि प्राध्यापक थे। आपके छात्र रंगमंच और फिल्मों में विशेष और उल्लेखनीय कार्य नियमित रूप से कर रहे है जिनमें तिग्मांशू धूलिया, गोविन्द सिंह यादव, शशि भूषण, मनोज पाण्डेय (कथाकार) आदि प्रमुख हैं।
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