रविवार, 16 अक्तूबर 2022

श्रेष्ठ


श्रेष्ठ


सफलता के अनेक रंग, रूप, आकार, प्रकृति होती है और समय के साथ बदलती रहती है

सफलता के अलग अलग विभिन्न स्तर होते है एक दिन में प्राप्त नहीं होती है और सफलता जीवन की कुछ इच्छाओं की आहूतियाँ मांगती है। जिसे देना पड़ेगा। इसलिए स्वयं कोई सफल नहीं होता बल्कि अन्य लोगों की दृष्टि में सफल होता हैI सफलता के हमारे मानक अपने आगे के पायदान में खड़े व्यक्ति को ही देखता है।

सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

उजास

उजास

निशा घनी काली चाहे जितनी हो लेकिन मन के उजास पर छा नहीं पाती है। रोशनी का एक कतरा ही काफी है सघन गहन अंधेरे से बाहर आने के लिए। अंधेरे य प्रकाश की कमी में प्रकृति हमारे मन में डर के भाव पैदा कर देता है जबकि प्रकृति तो संसार के सभी जीवों पर सदैव स्नेहासिक्त रहती है अनुराग करती है। और इसी डर के क्रम को एक मीठी मधुर आवाज़ बढ़ा को कई गुना बढ़ा सकती है और यही मीठी मधुर आवाज़ हर भी लेती है।

संसार के समस्त भाव मिल कर मन को संचालित करते हैं।