गुरुवार, 22 अगस्त 2013

स्वप्न [एक अहसास]

स्वप्न मरता है घुट-घुट कर
सड़कों मे
मन मे
इच्छा मे
अरमानों मे
स्वप्न मरता है
बिस्तर मे पड़े
सडक पर
ट्रेन मे
हर जगह देखता हूँ सपना
और ये भी जानता हूँ
स्वप्न गीत नहीं है
स्वप्न संगीत नहीं है
स्वप्न गज़ल नहीं है
जो पूरी हो जाये|
स्वप्न आस है
ये वो अहसास है
जिसे जितना जल्दी भूलो
सुखद रहता है
अन्यथा
स्वप्न भंग करने वाले
तुम्हारी ह्त्या को
आत्महत्या
साबित कर देगें|