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नाटक के बारे में ||
रमधरिया टोपरी, सूप बेचकर घर वापस आता है| पत्नी सत्ती उसे पानी पिलाती है| रमधरिया
बताता है आज उसकी गलती से एक लड़का मरते-मरते बचा| रमधरिया के दो बेटे बुद्धी और
सुक्खी है| दोनों नाकारा और आवारा है| किसी तरह का हुनर दोनों में नहीं है| रमधरिया
समाज में अपने को दिखाने के प्रयास में फ़िज़ूल और अनर्गल खर्च करता है| बोलता बहुत
ज्यादा है उसका एक अन्य महिला से सम्बन्ध भी है जिसे उसका बड़ा बेटा जान जाता है|
रमधरिया स्वयं को आदर्श व्यक्ति के
रूप में प्रदर्शित करता है| वह अपने बच्चो के लिए आदर्श है| इसे बचाने और
बनाने के प्रयास में वह शेखचिल्ली की तरह सपने देखता है, लगातार सोचने की वजह से रमधरिया
सपने में ही जीने लगता है| रमधरिया बोलता बहुत है| व्यर्थ के खर्च से उसके ऊपर
क़र्ज़ बढ़ता है, जिसे चुकाने में वह असमर्थ है| अंत मे रमधरिया मृत्यु का वरण करता
है| नाटक का एक संवाद – मुझमे और कबाड़ी बाज़ार में होड़ लगी है| किश्त पूरी होती है
और चीज कबाड़ हो जाती है, मै किसी चीज का मालिक नहीं हूँ|
|| एक विक्रेता की मौत ||
नाटक एक विक्रेता कि मौत जीवन संघर्ष के कारुणिक संगीत वादन है| नाटक
एक टोपरी झउआ के विक्रेता की कहानी है जो
प्राइवेट कम्पनी के कमीशन के चंगुल में फंसा हुआ है| अपना पूरा जीवन कम्पनी में नियमित कर्मचारी के रूप में कार्य करता है किन्तु वर्तमान समय में मनुष्य को
बुढापे में जब सबसे ज्यादा आवश्यकता पैसे की होती है तब कम्पनी यह कहकर पीछा छुड़ा लेती है कि हमने
आपको कमीशन तो पूरा दिया है |और आपके पास अब जो भी बकाया सामान बचा है वह हमें
वापस कर दीजिये |
पहले यह स्वप्न कि आप कम्पनी के हिस्सेदार हैं और जब अपनी मेहनत का पारिश्रमिक मांगने का समय आता है तब सब
शून्य |यह कथा सिर्फ कम्पनी और मनुष्य के सम्बन्ध की नहीं अपितु मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता परिवार और
संबंधो में विश्वास के टूटने कि कथा है |
|| मंच पर ||
पात्र परिचय –
रमधरिया - विपुल सिंह गहरवार , मनोज मिश्रा
सत्ती - अंकिता सिंह
बुद्धी - प्रदीप तिवारी
सुक्खी - सिद्धार्थ दुबे
मनकेसर - आनंद गौतम
पप्पू - प्रसून मिश्रा
लखपती - शुभम पाण्डेय
अभिमान -
भरतलाल तिवारी
औरत , लड़की - अनुष्का दुबे
नौकर -
अनुपम सिंह , अंकित मिश्रा
दीमान - राजमणि तिवारी भोला
|| मंच परे ||
गीत -
कबीर ,त्रिलोचन, उदयप्रकाश ,मनोज
हारमोनियम - शशिकांत
कुमार
तालवाद्य - वेदप्रकाश पाण्डेय
मंच व्यवस्थापक - राजमणि तिवारी
मंच सामग्री - अनुष्का
, शुभम
गायक -
शशिकांत कुमार
वेशभूषा -
सिद्धार्थ , प्रदीप
ब्रोशर - पोस्टर - के. सुधीर
सिंह
रूप सज्जा -
विपुल सिंह , अंकिता
मूल लेखक -
आर्थर मिलर
बघेली रूपांतरण, प्रकाश परिकल्पना एवम
निर्देशन - मनोज कुमार मिश्रा
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