रविवार, 22 अक्टूबर 2017

रंगमंच के लिये दीवाना शहर रीवा

रंगमंच के लिये दीवाना शहर रीवा

रंगमंच आज के दौर में सक्रिय है तो उसका प्रमुख कारण जूनून है, और इसी जूनून से मण्डप प्रतिवर्ष कई नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है| मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केद्र, रीवा रंगमंच में विविध प्रयोगों के लिए जाना जाता है| रीवा की संस्कृति में, दर्शकों की धमनियों में नाटक रच बस गया है|
राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव का आगाज़ 22 मार्च से 26 मार्च तक स्वयंबर सभागार, नरेन्द्र नगर रीवा में हो होगा, प्रथम दिवस आधुनिक हिंदी नाटकों के प्रणेता मोहन राकेश रचित आषाढ़ का एक दिन का मंचन किया जाएगा प्रस्तुति सूत्रधार आज़मगढ़ कि होगी और नाटक का निर्देशन किया है उस्ताद बिस्मिल्ला खां संगीत नाटक अकादमी युवा पुरस्कार प्राप्त अभिषेक पंडित ने| नाटक कालिदास के संघर्ष और प्रेम पर है साथ ही रचनात्मकता को बचने के लिए कलाकार कैसे मन को मारकर समाज के लिए अपना सब कुछ त्याग देता है| दूसरी नाट्य संध्या में अलखनंदन द्वारा रचित नाटक स्वांग मल्टीनेशनल का मंचन होगा जिसमें हमारे भौतिकतावादी मन और चाटुकारों पर व्यग्य करते हुए हास्य रस के फुहार में नहाया है जिसका निर्देशन उनके शिष्य संजय गर्ग ने किया है प्रस्तुति नाट्य लोक, जबलपुर कि होगी| तीसरी शाम कर्णभारम महाकवि भास रचित संस्कृत नाटक की बघेली बोली में प्रस्तुति होगी, प्रस्तुति इंद्रवती नाट्य समिति सीधी कि और नाटक का निर्देशन किया है नीरज कुंदेर और रोशनी प्रसाद मिश्रा ने|| चौथी शाम एक विक्रेता की मौत का मंचन मण्डप रीवा के कलाकार करेंगे यह नाट्य प्रस्तुति आर्थर मिलर के नाटक “द डेथ आफ अ सेल्समैन” का बघेली रूपंतरण है और जीवन जीने के द्वन्द को रूपायित करेगा, नाटक का निर्देशन मनोज कुमार मिश्रा ने किया है आप भारतेंदु नाट्य अकादमी के परास्नातक है और वर्तमान में अकादमी में अभिनय प्रशिक्षक है| अंतिम प्रस्तुति मुम्बई के अना नाट्य दल के नाम होगी इस शाम विजयदान देथा की कहानियों का मंचन किया जायेगा| हास्य और लोकतत्वों के रंग से बुनी होगी यह प्रस्तुति| जिसका निर्देशन फिल्म और रंगमंच के अभिनेता सुनील उपाध्याय ने किया है|
मण्डप के नाटक और नाट्य समारोह जनसरोकारों द्वारा सृजित होते है| संस्था के 35 सदस्य दर्शकों के जनसंपर्क में कार्य कर रहे है| रीवा हमेंशा से साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है| रीवा में ही महाराजा विश्वनाथ सिंह जू देव रचित हिंदी का प्रथम नाटक आनंदरघुनन्दन कि रचना हुई| आधुनिक रंगकर्म कि प्रतिष्ठित समूह पृथ्वी थियेटर ने रीवा में अपने नाटकों का मंचन किया| इस समृद्ध परंपरा को प्रयास रंगसमूह, इप्टा, क्षितिज, आदि रंग संथाओं के साथ मिलकर मण्डप रीवा में – रीवा के कलाकारों को मंच प्रदान कर रहा है| साथ ही दर्शकों के विचारों और मनोरंजन को समझते हुए देश में प्रतिष्ठित रंगसमूहों को आमंत्रित करता है| इस सिलसिले में देहात रंगपर्व, गदेला उत्सव, मध्यप्रदेश नाट्योत्सव, रंग ए मानसून के साथ  राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव प्रमुख हैं| संस्था रंगमंचीय गतिविधियों के प्रसार हेतु स्कूलों, कालेजों, देहात अदि स्थानों में लगातार कार्य जमीन को उर्वर बना रहे है|

यह नाट्य समारोह 

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