रविवार, 22 अक्टूबर 2017

मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र

मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र, रीवा के बारे में

मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र, रीवा रंगमंच को व्यवसायिक रूप से करती है साथ ही रंगमंच को सीखने कि इच्छा वाले प्रशिक्षणार्थियों को नाट्यकला में प्रशिक्षण प्रदान करती है|
मण्डप पारम्परिक लोक, शास्त्रीय, आधुनिक, पाश्चात्य रंग संसार से जुडे सिद्धांतों और लोकमतों के शिक्षण-प्रशिक्षण-प्रदर्शन की व्यवस्था करती है, हम रंगमंच के संग्रहालय, पुस्तकालय, कार्य, श्रेष्ठ रंगकला साधकों के सानिध्य, सहयोग और मार्गदर्शन से कर रही है| वस्तुतः मण्डप की स्थापना के उद्देश्य के अंतर्गत भारतवर्ष के हृदयस्थल-मध्यप्रदेश में स्थित नाट्य संस्थान की परिकल्पना है| जो मंच के समस्त मानकों पर खरा उतरे| अपने उद्देश्य के निरूपण के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवहारिक निपुणताओं के विकास के साथ ही प्रशिक्षणार्थियों के लिए समग्र ज्ञान भी आवश्यक है| संस्था के प्रमुख कार्यों में रंगमंच कला को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए कलाकारों को तैयार करना है| इस हेतु मण्डप कार्यशालाओं, प्रस्तुतियों, साहित्यिक श्रृंखला, कलाकार से बातचीत, सेमीनार, संवाद आदि का आयोजन देश के श्रेष्ठ मनीषियों के द्वारा हो रहा है|
संस्था के द्वारा आधुनिक और पाश्चात्य रंगमंच की कृतियों को बघेली बोलीबानी में प्रस्तुत करने और संरक्षित करने का कार्य कर रही है| मध्यप्रदेश में संस्कृत रंगमंच, लोक रंगमंच (पारंपरिक रंगमंच) और आदिवासी परम्पराओं को संरक्षित और प्रदर्शित करना  उसका उत्थान करना और रंगपटल पर बघेली बोली का स्थान निश्चित करना| इस कार्य हेतु निश्चित तौर से विभिन्न कलाओं के तौर तरीकों के आतंरिक संबंधों - अंतर्क्रियाओं को संरक्षित कर विकास करना|
समकालीन नाट्य कलाकारों के साथ शोध परियोजनाओं के कार्यक्रम विकसित करना तथा समकालीन कलाओं एवं उनके सामाजिक एवं अन्य सामाजिक मुद्दों के बीच आपसी सम्बन्ध स्थापित करना| साथ ही अभिनेता के शारीरिक अभ्यास हेतु गैर प्रस्तुति योग्य अखाडा, मल्लाख्म्भ, मार्शल आर्ट, प्राचीन एवं ग्रामीण खेलकूद, एरोबिक्स, नृत्य आदि का प्रशिक्षण और प्रलेखन केंद्र को विकसित करना| परंपरागत लेखन और आधुनिक लेखन से सम्बन्ध स्थापित करने पुस्तकालय के लिए केंद्र का विकास कारण शास्त्रीय, कृषि सम्बन्धी, एवं वनबासी (लोकधर्मी, नाट्यधर्मी, मार्गी या देशी) प्रकार के नाट्यों पर श्रवण एवं दृश्य सामग्री विकसित करना| कभी कभी होने वाली कलाओं वाद्य यंत्र,पांडुलिपियाँ, अभिकल्पन, मुखौटा, वेशभूषा, प्रतिक्रियाँ एवं अन्य संभावनाओं को वर्तमान समय में कार्य के अनुसार की जाने वाली व्यवस्थाएं, प्रकाशन, प्रचार की परंपरागत तकनीकें आदि सम्बंधित सामग्री हेतु अलग शाखा को विकसित करना| देसी, पाम्परागत एवं समकालीन वाद्य यंत्र एवं यंत्रों के कारीगरों को प्रोत्साहित करने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन एवं प्रदर्शन के लिए उचित स्थान निर्मित करना|
मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, संगीत नाटक अकादमी, मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय एवं अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के साथ ही अन्य संस्थाओं के मध्य शिक्षण प्रशिक्षण हेतु सम्बन्ध निर्माण कारण| भारतीय शिक्षा पद्धति के साथ रंगमंच की मध्यस्थता करना| प्रदेश में बाल कलाकारों को रंगमंच का प्रशिक्षण योग्य एवं अभ्यासरत कलाकारों एवं मनीषियों द्वारा प्रदान करवाना जिससे बाल रंगमंच - शिक्षा का अभिन्न अंग बन सके|
मण्डप आंचलिक, सांस्कृतिक एवं भाषिक आधार पर राज्य में वयस्कों एवं बच्चों के लिए प्रस्तुतियों को प्रोत्साहित करता है| रंगशैलियों के शोध हेतु शोध केंद्र का निर्माण करना, परंपरागत, तकनीकी, आधुनिक, समकालीन, प्रायोगिक एवं स्वस्फूर्त शैलियों एवं तरीकों की शिक्षा प्रदान करना| सम्बद्ध कलाओं में एवं प्रस्तुति योग्य कलाओं में सामंजस्य बनाना| मण्डप अन्य संस्थाओं और कलाकारों के साथ मिलकर रंगमंच की नई विधियों और प्रकारों पर प्रयोग करेगा| रंगमंच की विभिन्न विधाओं जैसे नाट्य लेखन, निर्देशन, चित्रण, अभिनय, रंगमंचीय संगीत, परिकल्पना, बाल रंगमंच आदि के लिए एक सम्पूर्ण केंद्र की स्थापना करना|
यह मण्डप की रंग अभिव्यक्ति सृजनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशीलता का विकास सामूहिक ढांचे के अंतर्गत ही होगा जिससे वर्तमान रंगमंच विकास हो|



||धन्यवाद||

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