रविवार, 26 जनवरी 2020

लोक लघुकथा दो पाट

#लघुकथा_दो_पाट
एक बार की बात है।
कलाकार को राजा के दरबार में पकड़ कर लाया गया। राजा ने कलाकार को आदेश दिया। कलाकार अपने अभिनय से हमें रुला दो। कलाकार ने प्रसंग सुनाया तो राजा के साथ दरबारियों के आंखों से आँसू की धार निकल पड़ी।
फिर राजा ने कहा अब हमें हँसाओ, कलाकार ने एक घटना दिखाई राजा के साथ दरबारी हंसते हंसते पेट के बल गिर पड़ते हैI
राजा ने कहा कलाकार माँग क्या मांगता हैI कलाकार उत्तर दिया राजन मैं चाहता हूं कि आप मेरी कलाकारी पूरे जीवन में कभी न देखें।
राजा ने कहा क्यों?
कलाकार ने उत्तर दिया , कारण साफ है महाराज आप सिंघासन त्याग देंगे तो दूसरा व्यक्ति राजा बन जाएगा किंतु अगर मैं मर गया तो दूसरा कलाकार नहीं बनेगा।।

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