गुरुवार, 22 नवंबर 2018

बाजारू रौनक

बाज़ार में रौनक
सोना बिक रहा है इधर
है बिक रही ककड़ी
गद्दा उस तरफ़ बेचा जाता है
यहाँ मिलता है जूता
वहाँ भोजन ले सकते है
उस गली में गोल गप्पे
ये गेहूँ-चावल की छल्लियाँ लगी
टपरे पर पान मिलेगा
कोने के ठेले पर चाय ले लो
इधर कहीं बिकता है पानी
अपने से नहीं आया
उतारा है इसे
उत्तर से दक्षिण उधर पूरब से पश्चिम
हमें खरीदना और बेचना आता है
बाज़ार बिमा कोई हैसियत नहीं हमारी

क्या हम बाज़ारू...?  है हम बाज़ारू।

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