रविवार, 11 जुलाई 2021

विश्व धरोहर में भारतीय रंगमंच को स्थान मिले।

विश्व धरोहर में भारतीय रंगमंच को स्थान मिले।

हिंदी भाषा का प्रथम नाटक आनंद रघुनंदन रीवा की पुण्य धरा पर लिखा गया। वर्ष 1903 रीवा नगर में सैनिक रंगमंडल हुआ करता था। विगत वर्षों में भी आसपास के क्षेत्रों के लिए रीवा का रंगमंच संजीवनी का कार्य करता था। रीवा के रंगमंच देखकर आसपास के जिलों में रंगमंच फल फूल रहा था। रंगमंच की बढ़ोतरी के लिए, नियमित अभ्यास के लिए, प्रशिक्षण के लिए, कार्यशालाओं के लिए, संगोष्ठियों और चर्चा के लिए रीवा में रंगमंच की प्रतिष्ठा और बढ़ोतरी के लिए कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम का निर्माण वर्तमान रीवा विधायक एवं पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन श्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा करवाया गया है। विनोद कुमार मिश्रा ने मण्डप द्वारा विश्व धरोहर दिवस की प्रस्तावना रखते हुए गूगल मीट पर कहा।

कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता के बाद रंगमंच की विविध विविधताओं में तेजी से स्थापित होने की संभावना दिख रही है भारतवर्ष में रंगमंच दर्शकों की पहली पसंद है भारतवर्ष में तीन चौथाई आबादी 32 वर्ष से कम उम्र की है लिहाजा रंगमंच के पर्यटन में भावी पीढ़ियों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं इसके लिए सांस्कृतिक विविधता के देश और मध्य प्रदेश में बेजोड़ अनुभव, समृद्ध विरासत, अनुभव, प्रशिक्षण, प्रयोग, नवीनीकरण, शैलियों का विकास करने की अपार संभावनाएं हैं मनोज कुमार मिश्रा ने अपना वक्तव्य आगे बढ़ाते हुए कहा कि यथार्थ प्रस्तुति करने का सबसे शक्तिशाली एवं सशक्त माध्यम रंगमंच है बस कलाकारों के लिए अवसर बनाने की आवश्यकता है रीवा जिले के सभी सभागार अनदेखी का शिकार हो रहे हैं जिसमें शंभूनाथ शुक्ल सभागार रीवा विश्वविद्यालय,मेडिकल कॉलेज सभागार, टीआरएस कॉलेज में महाराजा सभागार, संस्कृत विद्यालय पचमठा सभागार, एमबीए डिपार्टमेंट विश्वविद्यालय सभागार एवं कृष्णा राज कपूर सभागार ऑडिटोरियम आदि प्रमुख है जो सांस्कृतिक दृष्टि की अनदेखी का शिकार है जबकि सांस्कृतिक और सामाजिक विकास एवं आधुनिक तकनीक की समुचित व्यवस्था से रीवा में रंगमंच अद्वितीय और बहुउपयोगी पर्यटन स्थल बन सकता है सुधीर सिंह ने अपने उद्बोधन में रंगमंच के प्रोत्साहन अभियान द्वारा मंडप के कलाकारों ने नियमित प्रदर्शनों से रंगमंच को जन-जन से जोड़ा है जिसमें अवसर आने पर उद्यमियों, व्यवसायियों, समाजसेवियों का साथ मिलता है मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र ने मध्य प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के साथ मिलकर कई नाट्य समारोहों का आयोजन किया जिससे रंगमंच के क्षेत्र में विकास करने उसके प्रसार करने के नए अवसर का निर्माण हुआ। रीवा में देश के नामी कलाकारों का आवागमन नियमित आरंभ हुआ। निकट भविष्य में  रंगमंचीय कार्य-व्यापार बढ़ने की उम्मीद है विपुल सिंह अपना पक्ष रखते हुए कहा मण्डप ने जहाँ रीवा के गांवों में "देहात लोक रंगपर्व" के आयोजन के साथ ही जिले में "राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव और गदेला बाल नाट्य उत्सव कोरोना काल के कठिन दौर के बाद प्रस्तुत होंगे जिनकी तैयारी आरंभ कर दी गई है रीवा में होने वाले रंगमंचीय उत्सवों को पर्यटन में एडवेंचर खेलों के साथ ही ग्रामीण खेलों को जोड़ा जाएगा साथ ही यहां के पारंपरिक व्यंजनों को संस्कृति के साथ परोसकर वास्तविक रिमही जीवनपद्धति से जोड़ा जाएगा। ताकि हम विश्व धरोहर में भारतीय रंगमंच को महत्वपूर्ण स्थान दिला सकें। रीवा का रंगमंच मध्यप्रदेश में प्रमुख स्थान रखता है बीते दशक में रंगमंच में पर्यटन के नाम पर रीवा के रंगमंच ने कई उपलब्धियां दर्ज की है कोरोना के चलते रंगमंच के क्षेत्र में खासी गिरावट देखने को मिली थी कुछ ऐसे अवसर भी आए जिन्होंने दुख दिया किन्तु खुश होने का अवसर अधिक दिया है।

राजमणि तिवारी ने वर्तमान जीवन में रंगमंच का बहुत महत्व है हमारी संस्कृति में रंगमंच के बिना कोई त्यौहार नहीं होता यह विचार रिमही संस्कृति से जुड़ गई है हमारे संस्कार अनमोल है इसे बचाने के लिए शासन के साथ ही आम आदमी को भी आगे आना होगा

मनोरंजन के नाम पर अंधाधुंध अपराध, अश्लीलता को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार परोसा जा रहा है जिससे दर्शकों में मनोरोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है हमें स्वस्थ, ज्ञानवर्धक, संस्कार और पारिवारिक मनोरंजन रंगमंच के द्वारा ही मिलता है।

वर्तमान में युवा दर्शकों को रंगमंच से जोड़ना मुख्य चुनौती है ओटीटी प्लेटफार्म को देखकर आक्रामक होते युवाओं को रंगमंच के संरक्षण हेतु प्रशिक्षण के साथ जन सहयोग आंदोलन बनाया जाय इसके लिए सरकारों की बेपरवाही बेहद चिंताजनक है सरकार को चाहिए कि तमाम तरह के करों से रंगमंच को मुक्त कर दे। ताकि समाज में उपजी विसंगतियों को दूर करने के लिए कलाकार और प्रशासन एक साथ प्रयास करे। जिसके लिए मंचों का निर्माण, छोटे-मझोले-बडे ऑडिटोरियम का निर्माण के साथ ही सहयोगी कलाकारों नृत्य, संगीत, मूर्तिकला, चित्रकला आदि के लिए प्रशिक्षण स्थलों का निर्माण, भवनों का निर्माण शासन द्वारा होना चाहिए रंगमंच भारतीय संस्कृति का शुभ तत्व है जिसे निर्बाध रखना हमारी जिम्मेदारी है।

आलेख

मनोज कुमार मिश्रा

18/अप्रैल/2021 विश्व धरोहर दिवस पर

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