prichay
शनिवार, 8 फ़रवरी 2014
prichay: प्रकृति की मृत्यु हो गई है ,अब तो सिर्फ आग है चारो...
prichay: प्रकृति की मृत्यु हो गई है ,अब तो सिर्फ आग है चारो...
: प्रकृति की मृत्यु हो गई है ,अब तो सिर्फ आग है चारों तरफ कालिख है ,पैसा है और कालिख खरीदी जा रही है जिंदगी है इससे निकलता हुआ धुँआ जो उड़ जाय...
1 टिप्पणी:
Unknown
23 फ़रवरी 2014 को 11:57 pm बजे
sahi hai
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