prichay
गुरुवार, 17 अगस्त 2023
मां
पैरों के घुटने और नींद।
संसार के व्योम में होम हो गए।।
आंचल, हार, पाजेब, करधन सब था।
पर मेरे पास उनकी अपनी खास चप्पलें।
जिन पर स्थापित, देवी होती वो स्वयं।।
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