मेरे मरने पर मत चराग़ जलाना।
रोशनी दिखानी है तो जीते जी आना।।
रखना है मन का सिकंदर बना रखो।
विभीषण बन, मत घात लगाना।।
आना तो चुपके से विचार की तरह।
चिल्लाते कुत्ते लोमड़ी और सियार है।।
मेरे हिस्से का सूरज संभालकर रखना।
तक़दीर में हमारे अँधेरा बहुत है।।
जाना ईश्वर की तरह, कि फिर लौट न पाना।
जान सा क्या जाना, जब है फिर यहीं आना।
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