अड़ियल थे जडियल भी औ गलियां रोज बनाते थे हमीं को कर दिया हलाल आखिर क़ाबिल जो थे।
आप थे हम भी थे समय भी वही था यहाँ वहां जहाँ जो भी था सिर्फ गवाह वो
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