छात्र क्या है,छात्रों की चाहत क्या है ,हम लगातार भूल रहे है
कभी कभी ऐसा लग जाता है कि बच्चे जल्द ही परिपक्व हो जाते है
इस समय इन्फारमेशन टेक्नोलाजी सब के जेब मे है
जबकी भारतीय प्राचीन परम्परा के अनुसार एकांत मे ,शांत स्थान पर
जहाँ तक सुख सुविधा नहीं मिले ,आप को ऐयाशी से बहुत दूर कही जंगल मे प्रकृति के बीच निर्जन जगह मे सिर्फ जीवन जीने की चीजों के साथ रह सकते है वहाँ तक ना तो पिता के सेक्रेटरी पहुचते थे ना माँ का फोन आ सकता था चैटिग भी नहीं हो सकती थी
आज छात्र जीवन भौतिक सुख सुविधा के बीच गोद मे ही सब सीख जाता है
उदास मन से लिख दिया है
कभी कभी ऐसा लग जाता है कि बच्चे जल्द ही परिपक्व हो जाते है
इस समय इन्फारमेशन टेक्नोलाजी सब के जेब मे है
जबकी भारतीय प्राचीन परम्परा के अनुसार एकांत मे ,शांत स्थान पर
जहाँ तक सुख सुविधा नहीं मिले ,आप को ऐयाशी से बहुत दूर कही जंगल मे प्रकृति के बीच निर्जन जगह मे सिर्फ जीवन जीने की चीजों के साथ रह सकते है वहाँ तक ना तो पिता के सेक्रेटरी पहुचते थे ना माँ का फोन आ सकता था चैटिग भी नहीं हो सकती थी
आज छात्र जीवन भौतिक सुख सुविधा के बीच गोद मे ही सब सीख जाता है
उदास मन से लिख दिया है
जानता हूँ
सब
गलत साबित होगा